पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे उमर की मुश्किलें बढ़ीं, CBI ने जारी किया लुकआउट नोटिस
पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे उमर की मुश्किलें बढ़ीं, CBI ने जारी किया लुकआउट नोटिस
लखनऊ। दिसंबर, 2018 में रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाने और मारपीट कर करोड़ों की संपत्ति अपने नाम कराने के मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद का बेटा मोहम्मद उमर सीबीआइ की गिरफ्त से दूर है। सीबीआइ ने उसका लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। सीबीआइ की ओर से आरोपित पर दो लाख का इनाम भी घोषित किया गया है।
सीबीआइ की विशेष अदालत ने 22 नवंबर को ही मोहम्मद उमर व उसके साथी योगेश के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 21 अक्टूबर को दोनों फरार अभियुक्तों की संपति कुर्क करने का भी आदेश दिया था।
28 दिसंबर, 2018 को रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि देवरिया जेल में बंद अतीक ने अपने गुर्गों के जरिये गोमतीनगर आफिस से उनका अपहरण करवाया था। असलहे के बल पर आरोपित उन्हें देवरिया जेल लेकर गए थे। अतीक ने मोहित से सादे स्टांप पेपर पर दस्तखत करने को कहा था। इन्कार करने पर अतीक ने अपने बेटे उमर, गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम व इरफान के साथ मिलकर मोहित की जमकर पिटाई की थी।
मोहित के बेसुध होते ही स्टांप पेपर पर दस्तखत बनवा लिए और करीब 45 करोड़ की संपति अपने नाम करा ली थी। यही नहीं अतीक के गुर्गे पीडि़त की एसयूवी गाड़ी भी लूट ले गए थे। शुरू में कृष्णानगर पुलिस ने विवेचना की थी। बाद में 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। अब तक इस मामले में पूर्व सपा सांसद अतीक अहमद समेत 18 अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जा चके है।
जेल में मिले थे मारपीट के साक्ष्य : मोहित को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाने के साक्ष्य पुलिस को मिले थे। लखनऊ पुलिस ने देवरिया जेल में लगे सीसी कैमरे खंगाले थे। इसके बाद वहां के रजिस्टर कब्जे में लेकर छानबीन की थी। पड़ताल में सामने आया था कि मोहित को देवरिया जेल में ले जाया गया था, जहां अतीक और उसके गुर्गों ने मारपीट की थी।